भारत पर नवजागरण का प्रभाव | Impact of Renaissance on India

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नवजागरण भारतीय समाज एवं राष्ट्र के लिए संजीवनी सिद्ध हुआ। नवजागरण भारतीय जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित किया। भारत पर नवजागरण का प्रभाव से बहुत परिवर्तन हुए जिनमें से कुछ परिवर्तन निम्नलिखित हैं।

भारत पर नवजागरण का प्रभाव

भारत पर नवजागरण का प्रभाव बहुत अधिक हुआ। इससे भारतीय समाज में अनेक सुधार हुए। भारत में नवजागरण से जगह-जगह प्रगति हुई।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास

नवजागरण के फल स्वरुप भारत में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास हुआ। अब भारत में सामाजिक–धार्मिक समस्याओं पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर विचार किए जाते हैं। अब भारतीय समाज परंपरागत मान्यताओं एवं अंधविश्वास को नहीं मानता है। अब वे अपने वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या आधार पर निर्णय लेते है

अंधविश्वासों में कमी

नवजागरण के फल स्वरुप अब भारतीय समाज प्रगति के पथ पर तेजी से बढ़ने लगा है। लोगों के धार्मिक जीवन में भी अनेक परिवर्तन हुए हैं। अब मनुष्य अंधविश्वास में विश्वास न रखकर परिणाम में विश्वास रखता है।

सामाजिक कुप्रथाओं का अंत

विभिन्न धार्मिक सामाजिक सुधार आंदोलनों के परिणाम स्वरूप भारतीय समाज में व्याप्त विभिन्न कुप्रथाओं का अंत हो गया है। जिनमें कुछ कुप्रथा प्रमुख हैं – सती प्रथा, बाल विवाह तथा बहु ववाह प्रथा का अंत हो गया।

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राष्ट्रीय एकता का विकास

अंग्रेजों ने साम्राज्य के हितों की पूर्ति के लिए भारत में एक केंद्रीय सरकार की स्थापना की तथा भारत वासियों के लिए एक समान कानून व्यवस्था स्थापित की। जिससे भारत में राष्ट्रीय एकीकरण की भावना का जन्म हुआ। नवजागरण के कारण शिक्षित वर्ग का उदय हुआ और इसी वर्ग में अंग्रेजी शासन के वास्तविक स्वरूप का भंडाफोड़ किया।

अर्थात अब अंग्रेज भारतीय समाज के समक्ष एक लुटेरे के रूप में आए। इससे भारत में राष्ट्रीय एकता स्थापित हुई और यही एकता भारतीय राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन में बदल गई।

प्राचीन भारतीय इतिहास के अध्ययन में रुचि

अंग्रेजों के प्रयास से भारत में पुरातत्व विभाग की स्थापना हुई। जिससे भारत वासियों को अपने गौरव शील अतीत का ज्ञान प्राप्त हुआ। अब भारतीयों में भी अपने इतिहास और संस्कृति को जानने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई। प्राचीन भारतीय इतिहास की खोजें हुई तथा प्राचीन ग्रंथों का प्रकाशन होने लगा।

समाचार पत्रों का विकास

नवजागरण के फल स्वरुप भारत में समाचार पत्रों का प्रकाशन का कार्य प्रारंभ हुआ। लोग समाचार पत्रों के माध्यम से एक दूसरे के विचारों को जानने लगे। जिससे लोगों में राष्ट्रीय भावना का विकास हुआ।

लोकतंत्र की भावना का उदय

नवजागरण के फल स्वरुप भारतीय समाज में छुआछूत की भावना समाप्त हो गई। परिणाम स्वरूप भारत की जनता में विखंडता समाप्त हो गई। इस प्रकार नवजागरण के द्वारा जाति-धर्म, ऊंच-नीच, भेद-भाव की भावना लोकतंत्र की भावना में बदल गई।

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