मार्टिन लूथर
मार्टिन लूथर का जन्म जर्मनी के सेक्सनी राज्य में हुआ था। इनके पिता का नाम हेंस लूथर था। पुनर्जागरण के परिणाम स्वरूप यूरोप में धर्म के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए, जिसे धर्म सुधार आंदोलन कहां गया। यह आंदोलन यूरोप की प्राचीन रूढ़िवादिता एवं जटिलता के विरुद्ध था। इस आंदोलन की सफलता का श्रेय अब जर्मनी के मार्टिन लूथर को जाता है।
मार्टिन लूथर ने पॉप का खुलकर विरोध किया और प्रोटेस्टेंट नामक संप्रदाय की स्थापना की। लूथर के समर्थकों ने पॉप के आदेशों का प्रोटेस्ट किया इसलिए इस आंदोलन को प्रोटेस्टेंट आंदोलन का आ गया। इस धर्म की घोषणा 1530 ई• में हुई।
धर्म सुधार आंदोलन में मार्टिन लूथर का विशेष योगदान था। मार्टिन लूथर किसी के साथ अन्याय नहीं चाहते थे। इसलिए उन्होंने इस धर्म सुधार आंदोलन में भाग लिया। मार्टिन लूथर ने धर्म सुधार आंदोलन इसलिए प्रारंभ किया क्योंकि भ्रष्टाचार एवं बुराई बहुत अधिक बढ़ गई थी।

मार्टिन लूथर एक धर्म सुधारक था इसलिए उसने यह धर्म सुधार आंदोलन प्रारंभ किए। धर्म सुधार आंदोलन का एक कारण यह भी था की पुनर्जागरण के फल स्वरुप लोगों में राष्ट्रीय एकता की भावना जागी इसलिए उन्होंने इस धर्म सुधार आंदोलन में भाग लिया और इस आंदोलन को सफल किया।
धर्म सुधार आंदोलन के कारण
1. चर्च में भ्रष्टाचार एवं बुराई।
2. यूरोप के शासकों का सहयोग।
3. पोप और चर्च में बहुत अधिक भ्रष्टाचार।
4. पुनर्जागरण के फल स्वरुप राष्ट्रीय एकता की भावना।
5. व्यवहारिक धर्म की आवश्यकता।
6. समाज में तर्कपूर्ण चिंतन का विकास।
7. प्रगतिशील विचारों का अभ्युदय।
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धर्म सुधार आंदोलन के परिणाम
1. कैथोलिक धर्म में सुधार।
2. प्रोटेस्टेंट धर्म का उदय।
3. शासक वर्ग की शक्ति में वृद्धि।
4. पॉप की शक्ति का पतन।
5. राजकीय संपत्ति एवं शक्तियों में वृद्धि।
6. गिरजा घरों में बुराइयों को दूर करने का प्रयास।
7. भ्रष्टाचार की समाप्ति।
FAQ
Q.1 मार्टिन लूथर कौन था?
Ans. मार्टिन लूथर धर्म सुधारक था।
Q.2 मार्टिन लूथर के पिता का नाम क्या था?
Ans. हेंस लूथर
Q.3 प्रोटेस्टेंट धर्म क्या है?
Ans. प्रोटेस्टेंट धर्म ईसाई धर्म की एक शाखा है।
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